सोनिया के नए तेवरों से बाग़ी हुए पसीना-पसीना
तौक़ीर सिद्दीकी
कांग्रेस पार्टी की कार्यवाहक अध्यक्ष सोनिया गाँधी CWC मीटिंग में आज नए तेवर में नज़र आईं. मीटिंग में जहाँ उन्होंने साफ़ तौर पर कहा कि उन्हें पूर्णकालिक अध्यक्ष ही मानिये वहीँ बाग़ी नेताओं की टोली को भी वार्निंग देते हुए कहा कि मुझसे मीडिया के माध्यम बात करना बंद कीजिये।
बता दें कि यह बाग़ी नेता जो खुद को G-23 कहते हैं, बहुत दिनों से पार्टी में पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग कर रहे थे, आज इन सभी नेताओं को सोनिया गाँधी ने अपने निशाने पर लिया। सोनिया गाँधी ने इन बाग़ी नेताओं को स्पष्ट कर दिया कि कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष वहीँ हैं, आप इसे चाहे कार्यवाहक मानो या पूर्णकालिक।
सोनिया गाँधी ने जी 23 नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि मुझसे मीडिया के जरिये बात करने की जरूरत नहीं है. हम सभी यहां खुलकर चर्चा करते हैं, लेकिन इस परिसर से जो बात बाहर जाए उसपर सीडब्ल्यूसी की मोहर लगी होनी चाहिए. उन्होंने इन नेताओं को आत्मसंयम और अनुशासन का सबक सिखाते हुए कहा कि पार्टी का हित ही सर्वोपरि होना चाहिए।
सोनिया गाँधी के ऐसे तेवरों की इन बाग़ी नेताओं को भी शायद उम्मीद नहीं थी. मगर ऐसे तेवर अपनाना शायद कांग्रेस अध्यक्षा की मजबूरी बन चुकी थी. पंजाब और यूपी समेत कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में पार्टी लेवल पर बग़ावती सुरों को दबाना कांग्रेस पार्टी के लिए बहुत ज़रूरी हो गया था. पार्टी आलाकमान ने सिद्धू के मसले को जिस तरह हैंडल किया उससे यह साफ़ चूका है कि पार्टी आलाकमान अब इस तरह की घटनाओं पर चुप बैठने वाली नहीं , सोनिया गाँधी ने CWC मीटिंग में आज इसका साफ़ सन्देश दे दिया है. देखना यह है कि यह बाग़ी नेता क्या फिर से दड़बे में घुस जायेंगे या फिर इसी तरह की खुड़पेंच करते रहेंगे, लेकिन इतना तय कि कांग्रेस पार्टी के बदले हुए परिवेश में बिना धरातल वाले अप्रासंगिक हो चुके इन नेताओं का पार्टी में कोई भविष्य नहीं है.
कांग्रेस में अब एक नए कल्चर, नई शैली की शुरुआत हो चुकी है, एक आक्रमक शैली, आँखों में आँखें डालकर सामना करने की शैली, सामने वाले को उसी के अंदाज़ में उसका जवाब देने की शैली। और शायद यह वजह है कि वह इन दिनों फ्रंट फुट पर खेलती नज़र आ रही है. सोनिया गाँधी के आज के तेवरों से उम्मीद है कि कपिल सिब्बल जैसे नेताओं को उनके उस सवाल का जवाब मिल गया होगा कि कांग्रेस पार्टी में फैसले कौन लेता है.