विद्वानों का आंकलन उनके पुस्तक प्रेम से होता है: दिनेश शर्मा
मोतीमहल लान में राष्ट्रीय पुस्तक मेले का शुभारम्भ
लखनऊ ब्यूरो
लखनऊ के मोतीमहल लॉन पर 18वें राष्ट्रीय पुस्तक मेले का शुभारम्भ करते हुए प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने कहा कि विद्वानों को अगर आंकना हो तो यह पता करो कि उनका पुस्तक प्रेम कितना है। पुस्तक पढ़ने वालों की उम्र ज्यादा होती है और उनका दिमाग संतुलित रहता है। आज इंटरनेट के युग में किताबों का महत्व और बढ़ गया है।
बारिश की बूंदों से रूमानी हुए मौसम में 10 दिन का अठारहवां राष्ट्रीय पुस्तक मेला राणाप्रताप मार्ग मोतीमहल वाटिका लान लखनऊ आज से शुरू हो गया। मेले का उद्घाटन प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डा.दिनेश शर्मा ने किया। के.टी.फाउण्डेशन व फोर्सवन द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव थीम पर मुफ्त प्रवेश वाले मेले में पुस्तक प्रेमियों को हर किताब पर कम से कम 10 फीसदी छूट मिल रही है। मेले के शुभारम्भ के साथ यहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सिलसिला भी प्रारम्भ हो गया। आज यहां फायर थाॅट क्रियेशन की फिल्म ‘डैडीज डाटर-2’ का पोस्टर लांच समारोह कलाकारों की उपस्थिति में हुआ। साथ ही संकल्प फाण्डेशन की ओर से दर्शनीय सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किये गये। कल से यहां विमोचन, परिचर्चा, लेखक से मिलिये आदि विविध साहित्यक, कवि सम्मेलन जैसे आयोजनों के साथ प्रतियोगिताएं बराबर चलेंगी। मेले में कोविड नियमों का पालन भी किया जा रहा है।
मुख्य अतिथि ने फिल्म ‘डैडीज डाटर-2’ का पोस्टर और चिरंजीवनाथ सिन्हा व रश्मि श्रीवास्तव की पुस्तक जिंदगी के रेले रे का विमोचन करने के साथ अमेरिका, इंग्लैण्ड की यात्रा करते हुए कहा कि आज बच्चों को कहानियां सुनाकर संस्कार देने वाले नाना-नानी, दादा-दादी को वृद्धाश्रम भेजा जा रहा है। वृद्धाश्रम भेजे जाने की प्रथा बंद हो जाए तो ही अच्छा है। पुस्तक मेले में शुरुआत से आने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षक के तौर पर पुस्तकें उन्होने भी लिखी है मगर विषयगत। उन्होंने अपने अनुभव भी रखे।
बिंदु जैन के संचालन में चले उद्घाटन समारोह में संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने पुस्तक मेले की परम्परा पर प्रकाश डाला। संरक्षक मुरलीधर आहूजा ने ऐसे आयोजनों को जरूरी बताया। प्रदेश ओलम्पिक संघ के उपाध्यक्ष टीपी हवेलिया ने कहा कि कोरोना काल के बाद यहां मेले की ऐसी रौनक प्रबुद्ध वर्ग के संग आम जन को भी बहुत राहत दे रही है।
मेला निदेशक आकर्ष चंदेल और आकर्षण जैन ने स्टालों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि मेले में आए पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जैसे अतिथियों से पे्ररित होकर घरों में पुस्तकालय स्थापित करने, बुक क्लब बनाने और खरीदकर पुस्तक पढ़ने जैसी गतिविधियां इस मेले की ही देन हैं। मेले में भारतीय कला प्रकाशन, बहुजन बोध साहित्य व नई किताब जैसे प्रकाशन पहली बार आए हैं। वरिष्ठ एडवोकेट रामजी दास ने भी विचार व्यक्त किये।
सह संयोजक आस्था ढल ने बताया कि आजादी का अमृत महोत्सव थीम पर आयोजित मेले में आज उद्घाटन से पूर्व ही पुस्तक प्रेमियों का आना-जाना शुरू हो गया था। बरसात ने यहां आए प्रकाशकों को चिंतित जरूर किया पर मौसम खुशनुमा होने और पुस्तक प्रेमियों की पहले ही दिन खासी आमद से उनकी चिंता काफूर हो गयी। उन्होंने बताया कि इस बार बड़ी तादाद में पुस्तकों का विमोचन होगा।
रचनाकार तरुण भटनागर, महेन्द्र भीष्म, डा.सुधाकर अदीब, विनोद कुमार दीक्षित, अलका प्रमोद, अंशुमान तिवारी आदि की पुस्तकों के लोकार्पण, रचना पाठ और पुस्तकों पर चर्चा जैसे आयोजन लगातार होंगे। बाल व युवा प्रतियोगियों लगातार चलेंगे।
प्रदेश के इस सबसे बड़े प्रतिष्ठित पुस्तक मेले में वाणी, स्कालर्स हब, एंजल बुक हाउस, निखिल पब्लिशर्स, सम्यक प्रकाशन, केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय, राजकमल, रामकृष्ण मिशन, इकतारा ट्रस्ट भोपाल, ऋषि पब्लिशर्स, गायत्री ज्ञान मंदिर, वैदिक साहित्य, स्कालर्स हब, एंजल बुक हाउस, पीसीआरए, आर्यन बुक, विधि बुक्स, सबरवाल बुक, अरिहंत बुक, गिडौन्स, कुण्डिलिनी योग, एजूकेशनल एण्ड सांइटिफिक एड्स, हिंदी वांग्मय निधि, अहमदिया, रितेश बुक व कलाकुंज जैसे वितरकों व प्रकाशकों की सौ से अधिक स्टाल होंगे।
मेले के स्टालों में स्मार्ट सिटी, नगर निगम, पुलिस कमिश्नरेट भी अपनी परियोजनाओं व उपलब्धियों का प्रदर्शन कर रहे हैं। मेले में महिला हेल्पलाइन पिंक बूथ भी है और फूड जोन भी। मुख्य संरक्षक मुरलीधर आहूजा ने कहा कि पुस्तक विमोचन, लेखक से मिलें, कवि सम्मेलन, मुशायरा जैसे विभिन्न कार्यक्रम होंगे। गायन एवं नृत्य, प्रश्नोत्तरी, ड्राइंग, स्लोगन लेखन, कहानी लेखन प्रतियोगिता, जादू-कठपुतली शो के साथ बच्चों के लिए ऑनलाइन प्रतियोगी कार्यक्रम भी होंगे।