पीएम मोदी की ’उज्जवला योजना’ का प्रचार खुलेआम आचार संहिता का उल्लंघन
सुल्तानपुर। यूपी विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने अपने फरमान जारी कर दिये है जिसको लेकर जिला प्रशासन कमर कस लिया है। फिर भी आलाधिकारिसों कर नजरो से दूर केन्द्र सरकार द्वारा लगाई गई प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की होडिंग आज भी प्रदेश के अन्य पार्टियों के प्रत्याशियो को कहने का मौका दे रही है। जहां सूचना मिलते ही प्रशासन एफआईआर करा रहे हैं।
चुनाव आयोग के फरमान जारी होते ही जिला प्रशासन ने कमर कस लिया है वही आदर्श आचार संहिता के मद्देनजर रविवार की सुबह शहर के पेट्रोल पम्प और गैस एजेंसियों पर जाकर खुद प्रशासनिक दावों का जायजा लिया गया तो पोल खुली। यहां जो तस्वीर देखने को मिली वो बेहद चैंकाने वाली रही। एक ओर गैस एजेंसी तो दूसरी ओर पेट्रोल पम्प पर पीएम मोदी की उज्जवला योजना से सम्बंधित बैनर दूर से चमक रहे थे। जिस पर पीएम का चेहरा दूर से झलक रहा है, जो आदर्श आचार संहिता का खुला हुआ उलंघन है। इस संबंध में डीएम से बात करना चाहा तो उनका फोन नही उठा इस बाबत कमिश्नर फैजाबाद एसपी मिश्रा से बात की गई तो उन्होने बताया कि ये मामला आचार संहिता के उलंघन का है। लेकिन मामला उनके संज्ञान में नहीं है, पहले दौर में मुख्य मार्गों से पार्टियों की होर्डिंग्स हटवाई गई है। अब इस पर भी अभियान चलाया जाएगा और इस तरह की कोताही कर रहे अधिकारियों के विरुद्ध कारवाई भी की जाएगी।
रास्ते में पड़ती होडिंग नही देखते डीएम
ये पोस्ट किसी गली-कूचे और चैराहे पर नहीं लगे हैं बल्कि शहर के बस स्टैण्ड पर स्थित पेट्रोल पम्प पर लगे हैं। हैरत इस बात पर है कि आदर्श आचार संहिता के प्रति डीएम एस राज लिंगम काफी कठोर मानें जा रहे हैं। शनिवार को उन्होने सपा एमएलए समेत कांग्रेस, जदयू और दो अन्य मामलो में मुकदमा दर्ज करने का निर्देश भी दिया था। लेकिन वो रोज इसी रास्ते से आवास पर निकलते हैं पर उनकी निगाह अब तक इस पर नहीं पड़ी। हद तो यह है कि इस सम्बंध में जब उनसे जानकारी के लिए सम्पर्क साधा गया तो अपनी आदत के अनुरूप उन्होंने सीयूजी नम्बर उठाना बेहतर नहीं समझा।
29 गांव के मतदाता आगामी चुनाव का करेंगे बहिष्कार
सुल्तानपुर.। यूपी इलेक्शन में मतदान ग्राफ को बढ़ाने के लिए प्रशासन कमर कस चुका है। वोटर्स को जागरुक करने के लिए जगह-जगह कैंप और मीटिंग आयोजित करने की भी तैयारी है। लेकिन दूसरी ओर हलियापुर कानूनगो सर्किल के 29 गांव के लगभग 60 हजार वोटर्स ने शासन-प्रशासन को मतदान न करने की खुली चुनौती दे दी हैं। जिसमें इस क्षेत्र के प्रधान भी शामिल है। ’ये है बहिष्कार का कारण’।
करीब 22 प्रधानों का कहना है कि हलियापुर कानूनगो सर्किल के 29 गांव के लोगों के साथ शासन-प्रशासन ने अजब-गजब की खेल खेला रखा है। यहां के वोटर्स रहते सुल्तानपुर जिले में हैं लेकिन लोकसभा चुनाव में इनकी वोटिंग अमेठी लोकसभा सीट के लिए तो विधानसभा में जगदीशपुर सीट के लिए होती है। यही नहीं नव निर्मित तहसील बल्दीराय से इन 29 गांव की दूरी 2 से 15 किलोमीटर की है। लेकिन प्रशासन ने यहां भी वोटरों के प्रति सौतेला व्यवहार बरतते हुए इन गांवों को 50 किलोमीटर दूर सदर तहसील से जोड़ रखा है। जिससे इन सबका भारी नुकसान हो रहा है। इसलिए अब यहां के सभी गांव वालों ने मन बना लिया है कि आगामी विधानसभा चुनाव का सब मिलकर विरोध करेगें।
सीएम-डीएम तक को लिखा गया है लेटर
इस संदर्भ में हलियापुर उत्थान समिति के पदाधिकारियों ने बैठक किया। बैठक में बताया कि स्थानीय प्रशासन से लेकर शासन और राज्यपाल तक को पत्र लिखा गया।
इस पत्र में सभी 29 राजस्व ग्रामों को नव निर्मित तहसील बल्दीराय से जोड़ने की गुहार लगाई गई। लेकिन सभी ने सिर्फ कागजी घोड़े दौड़ाए और जन समस्या जस की तस है जिसको देखते हुए ये फैसला लिया गया है। बताया गया है कि ग्राम प्रधानों ने भी इस मुहिम में जनता के साथ खड़े होकर एक पत्र राजस्व सचिव को भेजा। लेकिन एक भी अधिकारी ने आज तक झांकना मुनासिब नहीं समझा।