तमिलनाडु और हैदराबाद किकेट संघ नहीं करेंगे टेस्ट की मेजबानी
नई दिल्ली: लोढा कमेटी के कारण पद छोड़ने को मजबूर हुए राज्य संघों के पदाधिकारियों ने बीसीसीआई का असहयोग करना शुरू कर दिया है. शुरुआत तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) ने की है जिसके अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन हैं. दरअसल संघ ने तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) ने इंग्लैंड के खिलाफ दो अंडर-19 टेस्ट मैचों की मेजबानी करने में असमर्थता जाहिर की लेकिन जोर दिया कि इसका उच्चतम न्यायालय के लोढा समिति की सिफारिशों पर फैसले से कुछ भी लेना देना नहीं है.
वहीं, हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन ने फरवरी में बांग्लादेश और भारत के बीच खेले जाने वाले टेस्ट मैच की मेजबानी से इनकार कर दिया है. जानकारी के मुताबिक हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन ने बीसीसीआई से कहा है कि उसके पास मैच के आयोजन के लिए पैसा नहीं हैं. ऐसे में बोर्ड के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है.
हालांकि टीएनसीए सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए राष्ट्रीय टी20 और विजय हजारे ट्रॉफी के लिए राष्ट्रीय वनडे की मेजबानी करेगा. लेकिन यह फैसला इसलिए अहम है क्योंकि टीएनसीए के अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने शनिवार को बीसीसीआई के डिस्क्वालीफाई करने वाले अधिकारियों के साथ अनिधिकृत रूप से एक बैठक बुलाई थी. ये दो टेस्ट 13-16 फरवरी और 21-24 फरवरी तक चेन्नई में कराए जाने थे.
अब इस बात की आशंका जोर पकड़ने लगी है कि कई और राज्य संघ असहयोग के रुख को अपना सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो बीसीसीआई के सामने एक नई मुसीबत आ जाएगी.
टीएनसीए के सदस्य आरएन बाबा ने कहा, "देखिये हमारे टीएनसीए के लीग मैच अभी पूरे किये जाने है क्योंकि तूफान वरदा के कारण मैदान काफी बुरी स्थिति में हैं. इसलिये हमें मुश्ताक अली और विजय हजारे ट्राफी के बीच लीग पूरी करनी है." उन्होंने इन अटकलों को भी खारिज कर दिया कि यह टीएनसीए द्वारा एक तरह से अवज्ञा करना होगा.
बाबा ने कहा, "अगर हम अवज्ञा करते तो हम मुश्ताक और हजारे ट्राफियों की मेजबानी क्यों करते जो बीसीसीआई के टूर्नामेंट हैं. हमारे संयुक्त सचिव आरआई पलानी अमेरिका में थे. जब वे वापस आए तो उन्होंने सभी मैदानों का मुआयना किया. हमें टीएनसीए लीग मैचों के लिए बड़े मैदानों की जरूरत है."