लखनऊ। यूपी में परिवारवाद की जंग लड़ रही सपा द्वारा लोकतांत्रिक आवाजों के दमन और वादा खिलाफी के खिलाफ रिहाई मंच 16 जनवरी को लखनऊ में करेगा सम्मेलन। दस वर्ष पूर्व 16 जनवरी 2007 को रिहा हुए कोलकाता के आफताब आलम अंसारी की मां आयशा बेगम द्वारा रिहाई आंदोलन के एक दशक पूरा होने पर बरी बेगुनाह नौजवानों पर एक पुस्तक जारी की जाएगी।

यूपी चुनाव घोषित होने के बाद रिहाई मंच लाटूश रोड कार्यालय में मीटिंग को संबोधित करते हुए रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि जेएनयू छात्र नजीब के इंसाफ की मांग कर रहे एमएमयू छात्रों पर मुकदमा कर उनके उत्पीड़न, वादे के बावजूद आतंकवाद के नाम पर बेगुनाहों को न छोड़ने और कानूनी प्रक्रिया द्वारा बरी होने के बाद उनके खिलाफ फिर से कोर्ट जाने जैसी घटनाएं साफ करती हैं कि सपा सरकार सिर्फ नाइंसाफी ही नहीं कर रही है बल्कि लोकतांत्रिक आवाजों का दमन भी कर रही है।

रिहाई मंच प्रवक्ता शाहनवाज आलम कहा कि आज जब रोहित वेमुला और नजीब के इंसाफ के लिए उनकी माएं सड़कों पर लड़ रही हैं ऐसे में रिहाई आंदोलन के दौरान लखनऊ की अदालतों से बरी हुए नौजवानों की दास्तान पर आधारित मसीहुद्दीन संजरी लिखित पुस्तक को रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब द्वारा लड़े गए पहले मुकदमें से बरी हुए आफताब आलम अंसारी की मां आयशा बेगम द्वारा जारी किया जाएगा।

रिहाई मंच लखनऊ महासचिव शकील कुरैशी ने कहा कि आज जब सूबे में आम आदमी के एजेण्डे पर कोई बहस नहीं है और परिवारवाद और जुमलावाद चल रहा है तो ऐसे में रिहाई मंच जैसे संगठनों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है कि वे चुनावों को मूलभूत और नीतिगत सवालों पर केंद्रित कराएं। इस दिशा में रिहाई मंच अन्य समान विचारधारा वाले दलों और संगठनों से सम्पर्क में है और जल्दी ही चुनावी रणनीति घोषित करेगा।

रिहाई मंच नेता अनिल यादव ने कहा कि जिस तरीके से विश्वविद्यालयों में वंचित समाज के छात्रों पर हमले हो रहे हैं और किसी रोहित वेमुला को आत्महत्या करना पड़ रहा है और किसी नजीब को गायब कर दिया जाता है वह दर्शाता है कि यह कार्यवाई एक खास जेहनियत द्वारा की जा रही है।
बैठक में जेएनयू के आंदोलनरत छात्रों पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा दमनात्मक कार्यवाई की निंदा की गई व उन्हें तत्काल बहाल करने की मांग की गई। बैठक में इनायतुल्लाह खान, दाऊद खान, राजीव यादव, आरिफ मासूमी, कोहिनूर आलम, अनिल यादव, विनोद यादव, हरेराम मिश्र आदि मौजूद थे