“अब्बाजान” विवाद में शिवपाल भी कूदे, योगी को भाषा शैली पर दी हिदायत
लखनऊ ब्यूरो
पिछले दो दिनों से यूपी के राजनीतिक गलियारों में जो एक शब्द बड़ी तेज़ी से गूँज रहा है वह है “अब्बाजान”. इस लफ्ज़ का इस्तेमाल प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव पर कटाक्ष के रूप में किया था, जिसके बाद पहले तो अखिलेश और अब उनके चाचा शिवपाल यादव ने नाराज़गी का इज़हार किया है, दोनों नेताओं नेताओं ने योगी आदित्यनाथ को अमर्यादित भाषा के इस्तेमाल से बचने की बात कही है.
दरअसल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए अयोध्या और राम मंदिर के सन्दर्भ में कहा था कि इनके अब्बाजान ने तो कहा था कि अयोध्या में परिंदा भी पर नहीं सकता। इसे लेकर अखिलेश ने पहले सीएम योगी की भाषा को लेकर विरोध जताया था वहीं अब इस मामले पर उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव ने भी अपना विरोध जताया है।
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को अपनी भाषा शैली पर ध्यान देने की हिदायत दे डाली, उन्होंने कहा कि राजनेताओं को हमेशा मुख से सम्मानजनक शब्द निकालना चाहिए, जिसे समाज के लोग पसंद करें, आदर्श मानें क्योंकि राजनीतिक व्यक्ति के मुख से निकली हुई बात सब लोग सुनते और मानते हैं।
शिवपाल ने कहा कि जिस तरह से सीएम योगी उनके मंत्री भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, हम उसकी घोर निंदा करते हैं समाजवादियों के ऐसे संस्कार नहीं हैं।
इसे लेकर अखिलेश यादव ने भी कड़ा विरोध जताते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री अपनी भाषा पर संयम रखें अगर वो मेरे पिता जी को कुछ कहेंगे तो मैं भी उनके बारे में कुछ कह सकता हूं, मेरे पिता जी के बारे में कहेंगे तो अपने पिता के बारे में भी सुनने के लिये तैयार रहें।
वहीं यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने इस मामले पर कहा कि पिता के लिये कहे जाने वाले आदर सूचक सम्बोधन शब्द ‘अब्बा’ से आखिरकार सपा मुखिया को इतनी नफरत क्यों है उर्दू भाषा का यह शब्द तो तहजीब का प्रतीक है, उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह भी तो अखिलेश को ‘टीपू’ कहकर बुलाते हैं उन्होंने कहा कि अब्बा शब्द उर्दू का अच्छा और मीठा शब्द है।