हिंदी पट्टी इस बार सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की भेंट नहीं चढ़ेगी: जयंत चौधरी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए सियासी सरगर्मियां शुरू हो चुकी हैं. राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख जयंत चौधरी ने रविवार को कहा कि “लव जिहाद” और “गो आतंक” जैसे बनावटी मुद्दे इस बार काम नहीं करेंगे क्योंकि चुनाव में विकास के मुद्दे ही जीतेंगे. उन्होंने कहा कि इस साल की शुरुआत में हुए पश्चिम बंगाल चुनावों के बाद ध्यान अब 2022 में उत्तर प्रदेश में चुनावी लड़ाई की तरफ आने के बीच राष्ट्रीय लोक दल के नवनियुक्त अध्यक्ष चौधरी ने कहा कि उनकी पार्टी विधानसभा चुनावों की दौड़ में हिंदी पट्टी के इस राज्य को सांप्रदायिक ध्रुवीकरण अभियान की भेंट नहीं चढ़ने देगी.
सपा से अच्छे सम्बन्ध
पिता चौधरी अजित सिंह के निधन के बाद रालोद प्रमुख का पद संभालने वाले जयंत चौधरी ने एक साक्षात्कार में कहा कि उनकी पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच अच्छे संबंध हैं. उन्होंने कहा कि चुनावों की खातिर औपचारिक गठबंधन के लिए विस्तार से काम करने की जरूरत है. यह पूछे जाने पर कि क्या उत्तर प्रदेश में भाजपा का सामना करने के लिए ‘महागठबंधन’ की जरूरत है और क्या बसपा और कांग्रेस ऐसे किसी गठबंधन का हिस्सा होंगे, जयंत चौधरी ने कहा कि उनके लिए मुद्दे पहले आते हैं और गठबंधन के सभी सहयोगियों के बीच उन मुद्दों पर समझ बनाने की जरूरत होगी.
कांग्रेस पर टिप्पणी नहीं
चौधरी ने कहा कि वह कांग्रेस की योजनाओं एवं संभावनाओं पर टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री के तौर पर राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलों और राज्य मंत्रिमंडल में फेरबदल की खबरों पर, चौधरी ने कहा कि भाजपा महज ध्यान भटकाने की और पार्टी में असंतुष्ट तत्वों को संभालने के लिए बातचीत का भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रही है.