मस्जिदुल अक़सा का मामला पूरे इस्लामी जगत का मामला है: नसरुल्लाह
तेहरान: हिज़बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा है कि मुझको इस बात की उम्मीद है कि हमसब मिलकर मस्जिदुल अक़सा में नमाज़ पढ़ेंगे। नसरुल्लाह ने मंगलवार को लेबनानी टीवी चैनेल अलमनार की 30वीं सालगिरह पर एक भाषण में यह बात कही ।
सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि मस्जिदुल अक़सा का मामला पूरे इस्लामी जगत का मामला है। उन्होंने कहा कि फ़िलिस्तीनी उसका खुलकर समर्थन कर रहे हैं एसे में इस्लामी जगत को उनका साथ देना चाहिए।
हिज़बुल्लाह के महासचिव का कहना था कि हमारा मुक़ाबला एसे ईर्ष्यालू, मूर्ख और संकटग्रस्त दुश्मन से है जो अपनी आंतरिक समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए कुछ भी कर सकता है। उन्होंने कहा कि नेतनयाहू अपने द्वारा पैदा किये गए संकट से बचने के लिए किसी भी प्रकार की मूर्खतापूर्ण कार्यवाही कर सकता है इसलिए हमको सचेत रहने की ज़रूरत है।
हसन नसरुल्लाह ने यमन संकट से संबन्धित समाचारों की करवेज में अलमनार टीवी चैनेल के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यमन पर सऊदी गठबंधन द्वारा किया गया हमला पूरी तरह से विफल हो चुका है अब वे अपनी इज़्ज़त बचाते हुए यमन की दलदल से निकलने के रास्ते ढूंढ रहे हैं। उनका कहना था कि हमको पहले दिन से ही यमनियों की हिम्मत और हौसले का अनुमान था तथा हम उनकी विजय के बारे में अशवस्त थे।
हिज़बुल्ला के महासचिव के अनुसार यमन युद्ध को समाप्त करने के लिए अमरीका की ओर से सहायता करने की पेशकश लोगों को गुमराह करने की एक चाल है क्योंकि वे युद्ध को समाप्त कराने की आड़े में यमन के परिवेष्टन को लंबा खींचना चाहते हैं।हिज़बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि यह अफ़वाहें अमरीकी और इस्राईली फैला रहे हैं कि लेबनान के संकट का कारण हिज़बुल्लाह है।