‘नेचुरल’ तरीके से पैदा नहीं हुआ कोरोना वायरस: अमेरिका
वाशिंगटन: अमेरिका के टॉप पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट्स डॉ एंथनी फौसी ने कोरोनावायरस की उत्पत्ति को लेकर खुली जांच की अपील की है. उन्होंने कहा कि वो इस बात से सहमत नहीं है कि कोविड-19 का वायरस प्राकृतिक रूप से पैदा हुआ है.
फौसी नेचुरली डेवलप थ्योरी से सहमत नहीं
एक इंटरव्यू के दौरान फौसी से पूछा गया कि क्या उन्हें अभी भी विश्वास है कि वायरस नेचुरली डेवलप हुआ है. इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘बेशक ऐसा नहीं है, मैं इस बात से बिल्कुल सहमत नहीं हूं कि वायरस अपने आप नेचुरली आया है. मुझे लगता है कि चीन में क्या हुआ था, हमें इसकी जांच जारी रखनी चाहिए और तब तक जारी रखनी चाहिए जब तक कि इससे संबंधित पूरी जानकारी नहीं मिल जाती’.
जानवर के जलाशय से निकला होगा कोरोना वायरस
फॉक्स न्यूज की एक रिपोर्ट में फौसी के हवाले से कहा गया है कि निश्चित रूप से जिन लोगों ने इस मामले की जांच की, उनका कहना है कि हो न हो यह वायरस किसी जानवर के जलाशय से निकला था, जिसने किसी व्यक्ति को संक्रमित किया और इसके बाद यह फैल गया.
वायरस उत्पत्ति का पता लगाना बेहद ज़रूरी
डॉ एंथनी ने कहा, ‘हालांकि यह कुछ और भी हो सकता है, जिसका हमें पता लगाने की जरूरत है. यही कारण है कि मैंने कहा कि मैं पूरी तरह से उस जांच के पक्ष में हूं, जिसमें वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने की कोशिश हो रही है. चीन में वायरस को लेकर जो कुछ भी हुआ उसकी जांच का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि चीन ने जो किया है, उसका कोई सबूत फिलहाल नहीं है, हालांकि मैं इस मामले में आगे की जांच के फेवर में हूं.
लैब लीक सिद्धांत से WHO सहमत नहीं
रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रम्प प्रशासन के अधिकारियों और रिपब्लिकन लंबे समय से यह तर्क दे रहा है कि एक लैब लीक की वजह से कोविड-19 का संक्रमण फैला. हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पिछले हफ्ते लैब लीक सिद्धांत को ‘असंभव’ बताया.