यूपी में ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ लगेगा गैंगेस्टर व NSA एक्ट
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड मरीजों के बेहतर उपचार की सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में बेड, ऑक्सीजन, दवाओं, मेडिकल उपकरणों तथा चिकित्साकर्मियों की पर्याप्त उपलब्धता हमेशा बनी रहे। उन्होंने एम्बुलेंस सेवाओं का सुचारु संचालन सुनिश्चित कराने के निर्देश भी दिये।
मुख्यमंत्री आज वर्चुअल माध्यम से आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। ऑक्सीजन रीफिल केन्द्रों पर जिम्मेदार अधिकारियों की तैनाती की जाए। ऑक्सीजन टैंकरों को जी0पी0एस0 से जोड़ा जाए तथा प्लाण्ट पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी दशा में ऑक्सीजन की कालाबाजारी न होने पाए। ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ गैंगेस्टर व एन0एस0ए0 के तहत कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग तथा गृह विभाग समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक अस्पताल में 36 घण्टे का ऑक्सीजन बैकअप होना चाहिए। उन्होंने चिकित्सा शिक्षा तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कोविड-19 के प्रसार को देखते हुए सभी जनपदों में कोविड बेड की संख्या दोगुनी की जाए। लखनऊ के के0जी0एम0यू0 डेडिकेटेड हाॅस्पिटल में नोडल अधिकारी कैम्प करें। एरा, इण्टीग्रल, टी0एस0 मिश्रा, हिन्द, मेयो, प्रसाद व सक्सेना निजी मेडिकल काॅलेजों को राज्य सरकार ने कोविड उपचार के लिए टेकओवर किया है। इन मेडिकल काॅलेजों की माॅनिटरिंग प्रदेश सरकार द्वारा तैनात नोडल अधिकारी करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन और फैबीफ्लू जैसी जीवन रक्षक दवाओं की निर्बाध आपूर्ति के लिए आवश्यक है कि इसकी माॅनिटरिंग की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रतिदिन 50 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग के अनुरूप केन्द्र सरकार को समय से पत्र प्रेषित किया जाए। रेमडेसिविर इंजेक्शन की स्टाॅक होल्डिंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि कोविड की लड़ाई में टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेण्ट की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए आवश्यक है कि सभी सरकारी एवं निजी लैब पूरी क्षमता से कोविड टेस्ट करें। उन्होंने कहा कि टेस्टिंग में क्वालिटी कण्ट्रोल का ध्यान अवश्य रखा जाए।