एफ़आईआर हारती हुई भाजपा की हताशा का प्रतीक: अखिलेश यादव
लखनऊ: कल मुरादाबाद में हुई एक पत्रकार वार्ता में हंगामे के बाद समाजवादी पार्टी अध्यक्ष समेत 20 समाजवादियों पर मामला दर्ज करने की खबर के बाद अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया सामने आयी है, सपा मुखिया ने भारतीय जनता पार्टी पर हमलावर होते कहा है कि ये एफ़आईआर हारती हुई भाजपा की हताशा का प्रतीक है।
इस मामले पर अखिलेश यादव एक ट्वीट करते हुए कहा कि उप्र की भाजपा सरकार ने मेरे ख़िलाफ़ जो एफ़आईआर लिखवाई है, जनहित में उसकी प्रति प्रदेश के हर नागरिक के सूचनार्थ यहाँ प्रकाशित कर रहे हैं। अगर आवश्यकता पड़ी तो राजधानी लखनऊ में होर्डिंग भी लगवा देंगे। ये एफ़आईआर हारती हुई भाजपा की हताशा का प्रतीक है।
दरअसल, गुरुवार को अखिलेश यादव आगामी विधानसभा चुनाव और पंचायत चुनाव के सिलसिले में कार्यकर्ताओं से मिलने मुरादाबाद पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. पहले वह कुछ पत्रकारों के सवाल से नाराज हो गए. अखिलेश यादव ने कहा कि कभी सवाल बीजेपी से भी पूछ लिया करो? क्या बीजेपी के ही सवाल पूछोगे? इसके बाद जब वह जाने लगे, तो कुछ पत्रकारों ने सपा अध्यक्ष से अलग से बात करनी चाही. आरोप है कि इस दौरान अखिलेश के सुरक्षाकर्मियों ने पहले उन्हें रोका. इस बीच पत्रकारों और सुरक्षा कर्मियों के बीच कहा सुनी हो गई और पत्रकारों के साथ धक्का-मुक्की भी हुई. बताया जा रहा है कि कुछ पत्रकारों ने सुरक्षा कर्मियों का कालर भी पकड़ा .
वहीं दूसरी ओर सपा के जिला अध्यक्ष जयवीर सिंह यादव ने पत्रकारों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई है जिसमें उबैद उर रहमान और फरीद शम्सी नाम के दो पत्रकारों के खिलाफ धारा 160 /341 / 332 / 353 / 504 / 499 / 120 B के तहत मामला दर्ज किया गया है. यह दोनों किसी टीवी चैनल का प्रतिनिधित्व कर रहे थे.