नफरती लोगों के खिलाफ मोहब्बत और अहिंसा के हथियार से लड़ने की ज़रुरत: मौलाना अमीनुल हक़
कानपुर: जमीअत उलमा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष व काज़ी ए शहर कानपुर हज़रत मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक़ उसामा क़ासमी के इंतेक़ाल(निधन) के बाद उनके जीवन में उनके द्वारा किये जा रहे समस्त कामों जाजमऊ स्थित मदरसा जामिया महमूदिया के प्राचार्य(नाज़िम), जामा मस्जिद अशरफाबाद के इमाम, रजबी रोड स्थित हक़ एजुकेशन के नायब चेयरमैन, जमीअत उलमा कानपुर के महासचिव तथा मज्लिस तहफ्फुज़ खत्मे नुबुव्वत कानपुर के अध्यक्ष पद की ज़िम्मेदारी संभालने के बाद उनके उत्तराधिकारी व साहबज़ादे हज़रत मौलाना अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह क़ासमी साहब की पहली प्रेस कान्फ्रेंस जमीअत बिल्डिंग रजबी रोड कानपुर में आयोजित हुई।
प्रेस कान्फ्रेंस में मौजूद पत्रकारों से बात करते हुए मौलाना अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह क़ासमी ने सबसे पहले बताया कि जमीअत उलमा शहर कानपुर के सौ साल पुराने व मर्कज़ी इज्लास मेराजुन्नबी स0अ0व0 इस साल 12,13,14 मार्च 2021 दिन जुमा, सनीचर और इतवार को आयोजित हो रहे हैं। आज से बाद इशा रजबी ग्राउण्ड में इन जलसों का शुभारम्भ हो जायेगा। जिसमें हज़रत मौलाना मुफ्ती मुहम्मद राशिद आज़मी क़ासमी उस्तादे हदीस दारूल उलूम देवबन्द, हज़रत मौलाना मुफ्ती सैयद मुहम्मद हुज़ैफा क़ासमी भिवन्डी नाज़िमे तंज़ीम जमीअत उलमा महाराष्ट्र, हज़रत मौलाना मुफ्ती महफूजुर्रहमान क़ासमी उस्तादे हदीस मदरसा जलीलिया जरवल बहराइच, हज़रत मौलाना खलील अहमद मज़ाहिरी महासचिव कुल हिन्द इस्लामिक इल्मी अकादमी तशरीफ ला रहे हैं। तीन दिवसीय इज्लास के तीसरे दिन 3 बजे दिन में महिलाओं का विशेष जलसा ‘‘बच्चों की दीनी तालीम व तरबियत और महिलाओं की ज़िम्मेदारियां’’ के शिर्षक से होगो जिसमें पर्दे की विशेष व्यवस्था रहेगी, इसी दिन बाद नमाज़ इशा रात 8 बजे मुशायरा नात व मदहे सहाबा आयोजित किया जायेगा। जिसमें शहर व बाहर के शायर शिरकत फरमायेंगे। मौलाना ने अपील की है कि सभी लोग खुद भी शिरकत फरमायें और महिलाआंे के जलसे में अपने घरों की महिलाओं को ज़रूर भेजें।
सितम्बर 2019 में जमीअत उलमा हिन्द के दस्तूर में थोड़े परिवर्तन के बाद पहली बार जमीअत उलमा हिन्द की नयी सदस्यता मुहिम पूरी होने पर जमीअत उलमा शहर कानपुर के चुनाव के बाद शहरी यूनिट को विधानसभा क्षेत्र स्तर पर 7 अलग-अलग हिस्सों में विभाजित करने का ऐलान करते हुए मौलाना अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह क़ासमी ने बताया कि जमीअत उलमा के द्वारा किये जा रहे कामों को और अधिक बेहतर तरीक़े से करने के लिये शहरी यूनिट को विधानसभा क्षेत्र के अनुसार 7 अलग-अलग भागों में विभाजित करके बाक़ायदा यूनिटें स्थापित की जायेंगी और इसी के अनुसार ज़िम्मेदारियां भी विभाजित की जायेंगी।
प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान मौलाना अब्दुल्लाह क़ासमी ने हाल ही में जमीअत उलमा हिन्द के द्वारा शुरू किये गये प्रोग्राम ‘‘जमीअत ओपन स्कूल’’ को कानपुर के मदरसों लागू करने के सम्बन्ध में ऐलान करते हुए कहा कि अब कानपुर के इस्लामी मदरसों में भी एक नये दौर का शुभारम्भ होने जा रहा है, अब हमारे मदरसों के छात्र भी सेकेण्डरी स्तर की शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। इसके लिये हमारी संस्था जमीअत उलमा हिन्द के केन्द्रीय नेतृत्व ने अकाबिर उलमा ए दीन और मदरसों के ज़िम्मेदारों से मिल कर ‘‘जमीअत ओपन स्कूल’’ की स्थापना की है जो एनआईओएस के तहत छात्रों को हाईस्कूल की शिक्षा देकर परीक्षा दिलायेगा। इसके तहत आने वाले पांच वर्षाें में पचास हज़ार छात्रों को हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण कराने का लक्ष्य है, जिसमें कानपुर शहर के छात्रों को भी शामिल किया जायेगा।
मौलाना क़ासमी ने देश के किसी भी हिस्से में धार्मिक विवादों के कारण से होने वाली छोटी-बड़ी घटना के सम्बन्ध में जमीअत उलमा हिन्द के हेट क्राइम से सम्बन्धित प्रोग्राम के बारे में विस्तारपूर्वक बताकर शहर के लोगों का जागरूक करते हुए कहा कि धार्मिक कटुता के आधार पर अगर कहीं भी किसी भी तरह का छोटी या बड़ी घटना घटित होती है तो जागरूक नागरिक होने के नाते हमारी यह ज़िम्मेदारी है कि हम अपने क्षेत्र के प्रशासन को और जमीअत उलमा हिन्द के ज़िम्मेदारों को इस से आगाह करें और देश में किसी भी तरह के नफरती रूझान को खत्म करने में अपना रोल अदा करें।
मौलाना ने कहा कि ’’ना तेरा है , ना मेरा है, यह हिन्दुस्तान सबका है’’। हमें यह पैग़ाम घर-घर पहुंचाना है, सिर्फ रोने-धोने और टीक-टिप्पणी से काम नहीं चलेगा, मैदाने अमल में आकर उन लोगों को जवाब देना है जो अफवाहें फैलाकर लोगों के दिलों में नफरत भर रहे हैं। धार्मिक विवादों से ना तो शहर, प्रदेश या देश का भला होगा ना ही किसी वर्ग विशेष का भला होगा। आज जमीअत उलमा कानपुर की इस प्रेस वार्ता से हम यह पैग़ाम देना चाहते हैं कि जो लोग नफरत का ज़हर घोल रहे हैं, हम मुहब्बत और अहिंसा के साथ उनसे लड़ेंगे और देशी की महान संस्कृति को बर्बाद नहीं होने देंगे। हम अपने शहर और प्रदेश के मुसलमानों से भी अपील करते हैं कि अपने दिलों से खौफ को निकाल दें और सब्र व आत्मविश्वास के साथ अपना काम करें।
मौलाना अब्दुल्लाह क़ासमी ने इस अवसर पर नौयुवकों की मानसिक व शारीरिक प्रशिक्षण के लिये स्थापित जमीअत उलमा हिन्द की सहायक संस्था जमीअत यूथ क्लब को मई माह से कानपुर में शुरू करने का ऐलान करके शहर के नौजवानों से इसमें बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने की अपील करते हुए बताया कि जमीअत उलमा हिन्द पिछले आठ वर्षाें से नौजवानों के मानसिक व शारीरिक प्रशिक्षण पर काम कर रही है। इसके लिये देश की मान्यताप्राप्त संस्था भारत स्काउट एण्ड गाइड को चुना गया है, यह ऐसी व्यवस्था है जो मानवीय आधार पर काम करती है, यह समन्वय का तरीक़ा सिखाती है ताकि शारीरिक और मानसिक रूप से बेहतर तरीक़ से लोगों की सेवा के काम करने का हुनर पैदा किया जा सके। मौलाना अब्दुल्लाह ने जमीअत यूथ क्लब के बारे में बताया कि स्कूल और मदरसे के अलावा दूसरे लोग भी शामिल हो सकेंगे। स्कूल और मदरसों के बच्चे पहले भारत स्काउट एण्ड गाइड से जुड़ेंगे और 18 महीने के तीन स्तरीय प्रशिक्षण के बाद जमीअत यूथ क्लब में शामिल होंगे।
प्रेस कान्फ्रेंस में जमीअत उलमा कानपुर के अध्यक्ष डा.हलीमुल्लाह खां, उपाध्यक्ष मौलाना नूरूद्दीन अहमद क़ासमी, उपाध्यक्ष मौलाना मुहम्मद अकरम जामई, वरिष्ट सचिव जुबैर अहमद फारूक़ी, कोषाध्यक्ष मौलाना अनीसुर्रहमाना क़ासमी, सचिव मौलाना अन्सार अहमद जामई, सचिव मौलाना मुफ्ती इज़हार मुकर्रम क़ासमी, सचिव क़ारी अब्दुल मुईद चैधरी, सचिव शारिक़ नवाब, हाफिज़ शहबाज़ महमूदी, मौलाना अब्दुल्लाह फतेहपुरी, मौलाना फरीदुद्दीन क़ासमी, क़ारी बदरूज्ज़मों कुरैशी के अलावा अन्य लोग मौजूद थे।