महिला सशक्तीकरण से घर, परिवार तथा देश सशक्त होगा: आनंदीबेन पटेल
लखनऊः अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आज राजभवन स्थित बड़ा लान में नाबार्ड तथा सहयोगी संस्थाओं किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय, शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय एवं ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय लखनऊ के सहयोग से ‘महिला समृद्धि महोत्सव’ का शुभारम्भ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कार्यक्रम में उपस्थित प्रदेश के समस्त 75 जिलों से आये स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई देते हुये कहा कि मातृशक्ति के उत्थान के बिना किसी भी प्रकार के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। क्योंकि महिलाएं किसी भी समाज के विकास की धुरी हैं। एक महिला के विकास का मतलब है एक पूरे परिवार का विकास। इसलिये समाज के हर वर्ग को महिला उत्थान की दिशा में अपना सक्रिय एवं सार्थक योगदान देना चाहिए।
राज्यपाल ने बताया कि यहां पर तीन दिवसीय कार्यक्रम में उपस्थित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को स्वास्थ्य, शिक्षा, समानता, स्वरोजगार एवं आत्मनिर्भरता के विभिन्न पहलुओं की जानकारी विषय विशेषज्ञों तथा लोक विधाओं जैसे नाटक, पपेट, जादू आदि माध्यम से दी जा रही है ताकि महिलायें शिक्षित होकर समाज में फैली विभिन्न बीमारियों जैसे कुपोषण, क्षयरोग, एनीमिया तथा विभिन्न प्रकार के गम्भीर रोगों के बारे में जानकर अपने स्वास्थ्य की रक्षा कर सकें। उन्होंने कहा कि महिलाओं के शिक्षित होने से वे विभिन्न सामाजिक कुरीतियां जैसे दहेज प्रथा, नशा उन्मूलन, लिंग भेद से भी लड़ सकेंगी, क्योंकि उनके दुष्परिणाम से भी वे भलीं-भाति परिचित होंगी। उन्होंने कहा कि इन सामाजिक कुरीतियों से प्रत्येक महिला को गुजरना होता है। इसलिये अपनी बेटियों को शिक्षित करायें ताकि वे विभिन्न सामाजिक कुरीतियों से बच सकें। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर मशरूम तथा खाद्य प्रसंस्करण का तीन दिवसीय प्रशिक्षण भी महिलाओं को दिया जा रहा है ताकि वे अपने घरेलू कार्य के साथ-साथ अन्य कार्य करके आत्मनिर्भर बन सकें।
श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि आज 75 जिलों की महिलायें अपने उत्पाद के साथ राजभवन में उपस्थित हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि वे आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि अपनी आमदनी को परिवार के पठन-पाठन एवं उत्थान के कार्यों में लगायें ताकि परिवार शैक्षिक एवं आर्थिक रूप से सशक्त हों और आपके बच्चे आपकी ताकत बन सकें।
इस अवसर पर राज्यपाल ने नाबार्ड द्वारा उत्तर प्रदेश की 10,000 ग्रामीण महिलाओं को 1,000 स्वयं सहायता समूहों के रूप में संगठित करने हेतु एक करोड़ रूपये की धनराशि का स्वीकृत पत्र भेंट करते हुये नाबार्ड को निर्देश दिया कि यह धनराशि और अधिक होनी चाहिये।
बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती स्वाती सिंह ने कहा किसी भी समाज अथवा घर को सजाने संवारने में महिला की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिये हर किसी महिला के महत्व को समझना चाहिये। यदि महिलायें आत्मनिर्भर बनेंगी तो आर्थिक रूप से सशक्त होगी और उनका घर परिवार तथा देश भी सशक्त होगा।
नाबार्ड के मुख्य महा प्रबन्धक डा0 डी0एस0 चैहान ने बताया कि स्वयं सहायता समूह बैंक सहबद्धता कार्यक्रम महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक अभूतपूर्व प्रयास है अभी तक देश में 1 करोड़ महिला समूहों के माध्यम से लगभग 12 करोड़ ग्रामीण परिवारों को बैकिंग सुविधाओं से जोड़ा जा चुका है। उत्तर प्रदेश में भी 5 लाख समूहों का बैंक खाता खुल चुका है, जिसमें लगभग 550 करोड़ रुपये समूहों की बचत जमा है और लगभग 1.50 लाख समूहों को क्रेडिट लिंक किया गया है। इस प्रकार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 50 लाख परिवारों का आर्थिक तथा सामाजिक उत्थान स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से किया गया।