अनुप्रिया ने जीती अपना दल में वर्चस्व की लड़ाई
लखनऊ: अपना दल में वर्चस्व को लेकर चल रही लड़ाई में केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री और मिर्जापुर से सांसद अनुप्रिया पटेल के गुट को बड़ी कामयाबी मिली है। चुनाव आयोग ने अपना दल एस (सोनेलाल) के नाम से बने नए राजनीतिक दल को चुनाव निशान कप प्लेट आवंटित कर दिया है। अभी तक यह चुनाव निशान अविभाजित अपना दल का हुआ करता था जिस पर अनुप्रिया पटेल की मां कृष्णा पटेल की अगुवाई में 2012 का विधान सभा और 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा गया था।
अपना दल पर वर्चस्व को लेकर चल रहे विवाद की वजह से अनुप्रिया के समर्थकों ने चुनाव आयोग में अपना दल एस (सोनेलाल) के नाम से एक नए दल का पंजीकरण करवाया था। इसकी संरक्षिका अनुप्रिया पटेल बनाई गई हैं। पहली बार चुनाव लड़ने के लिए उतर रहे एक नये दल के नाते अपना दल (एस) ने कप प्लेट चुनाव चिन्ह आवंटित करने के लिए चुनाव आयोग से फरियाद की थी। जिस पर आयोग ने मंजूरी की मुहर लगा दी। अनुप्रिया गुट के प्रमुख नेता राजेन्द्र प्रसाद पाल ने इसकी तस्दीक भी की है।
उधर, कृष्णा पटेल धड़े के प्रवक्ता आर.बी.सिंह पटेल ने कहा है कि उनका अपना दल चुनाव आयोग में गैरमान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत है। आयोग ऐसे राजनीतिक दल को अवसर देता है कि वह आयोग द्वारा आवंटित चुनाव चिन्ह अपने पास बनाए रखने के लिए निर्धारित मानक पूरे करे। मगर यह मानक पूरे नहीं हो सके।
कृष्णा पटेल की अध्यक्षता वाला अपना दल चुनाव आयोग में गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत है मगर इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर अपना दल के संस्थापक डा. सोनेलाल पटेल की पत्नी कृष्णा पटेल और उनकी बेटी अनुप्रिया पटेल के समर्थकों के बीच लंबे अरसे से टकराव चल रहा है। इसी मुद्दे पर हाईकोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ में दायर एक मुकदमे की सुनवाई 28 व 29 नवंबर को हुई थी जिसका फैसला अदालत ने सुरक्षित कर लिया है।
चुनाव आयोग ने भी अपना दल के दोनों धड़ों को फार्म ए. और फार्म बी. का इस्तेमाल करने से रोक दिया है। अब कृष्णा पटेल धड़े को हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ द्वारा सुरक्षित किए गए फैसले का इंतजार है। उसके बाद यह धड़ा चुनाव आयोग में अपना नया आवेदन दाखिल कर सकता है।