संस्थाओं की बंदी ने महिलाओं की जान को डाला संकट में
- वर्कर्स फ्रंट ने राज्यपाल को पत्र भेज 181 वूमेन हेल्पलाइ व महिला समाख्या को चालू करने की मांग
लखनऊ: बंदायू जनपद में आगंनबाडी सहायिका के साथ मंदिर के अंदर गैंगरेप और उसकी वीभत्स हत्या पर गहरा आक्रोश व्यक्त करते हुए वर्कर्स फ्रंट ने प्रदेश में बढ़ रही महिलाओं पर हिंसा की घटनाओं के लिए सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान व आत्मनिर्भरता के लिए चलाएं जा रहे कार्यक्रमों को बंद करने की कार्यवाही को जिम्मेदार ठहराया है। इस सम्बंध में आज वर्कर्स फ्रंट के अध्यक्ष दिनकर कपूर द्वारा राज्यपाल को भेजे पत्र में कहा गया कि बदांयू की वीभत्स घटना हो या हाथरस का गैंग रेप हर जगह योगी सरकार की पुलिस और प्रशासन हमलावरों के पक्ष में खड़ा दिखता है। यहां तक कि पीड़िता की ही चकित्र हत्या करने में लगा रहता है। हाथरस के ही मामले में हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद हुई सीबीआई जांच से ही सच सामने आ सका। दरअसल महिलाओं के लिए चलाई जा रही कई योजनाओं को सरकार ने बंद करके महिलाओं की जान संकट में डाल दी है। निर्भया कांड के बाद महिला सुरक्षा के लिए बनी जस्टिस वर्मा कमेटी की संस्तुतियों के आधार पर पूरे देश में शुरू की गई ‘181 वूमेन हेल्पलाइन’ को योगी सरकार ने बंद कर पुलिस की सामान्य हेल्पलाइन 112 में समाहित कर दिया। इसी प्रकार प्रदेश के 19 जनपदों में पिछले 31 वर्षो से संचालित महिला समाख्या कार्यक्रम को भी सरकार ने बंद कर दिया। जबकि इन दोनों ही कार्यक्रमों को महिलाओं के द्वारा ही संचालित किया जाता था इस नाते यह पीडित महिलाओं के लिए सहज थे और महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा व स्वावलम्बंन के लिए महत्वपूर्ण कार्य कर रहे थे। वहीं सरकार महिलाओं के लिए मिशन शक्ति अभियान के नाम पर करोड़ो रूपया प्रचार में बहा रही है।
ऐसी स्थिति में प्रदेश कि संवैधानिक प्रमुख और महिला होने के नाते राज्यपाल से 181 वूमेन हेल्पलाइन और महिला समाख्या जैसी महिलाओं के लिए हितकारी कार्यक्रमों को पूरी क्षमता से चलाने और महिला हिंसा की घटनाओं के लिए डीएम और एसपी को जबाबदेह बनाने व ऐसी घटनाएं होने पर उन्हें दण्ड़ित करने की मांग की गई।