अखिलेश ने गिनाईं दो हज़ार के नोट की खामियां
बोले, नोटबंदी की हिमायत कर रहे लोगों को चुनाव में जनता सिखाएगी सबक
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केन्द्र के नोटबंदी के कदम पर तंज करते हुए आज कहा कि देशभक्ति से जोड़ी जा रही इस कार्रवाई से देश का ही नुकसान हुआ है और इसकी हिमायत कर रहे लोगों को जनता चुनाव में सबक सिखाएगी.
मुख्यमंत्री ने यहां गरीब परिवारों के लिए ‘शादी अनुदान’ योजना की शुरुआत के मौके पर नोटबंदी का जिक्र करते हुए कहा ‘‘कुछ लोग कह रहे हैं कि (केन्द्र सरकार ने) बहुत अच्छा किया, उन्हें जनता सबक सिखाएगी, जब वे चुनाव में जाएंगे. सही मायने में देश का भला नहीं हुआ है.’’ उन्होंने कहा ‘‘जो योजना देशभक्ति से जोड़ी जा रही है उससे देश का नुकसान हुआ है. विकास के जो काम तेजी से हो रहे थे, वे रुक गए हैं. आपकी अर्थव्यवस्था पीछे जा रही है. इस सरकार ने अर्थव्यवस्था को पीछे धकेल दिया है. देश को ऐसे उलझाया, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी.’’
अखिलेश ने दो हजार रुपये के नए नोटों की खामियों की तरफ ध्यान दिलाते हुए कहा कि यह नया नोट आने से काला धन रखने वालों को सुविधा मिल गई है. जो धन वे हजार में रखते थे अब वे दो हजार के नोट के तौर पर रख रहे हैं. दो हजार के नोटों की छपाई में भी गड़बड़ी है. उन्होंने कहा कि विकास के मामले में समाजवादियों का कोई मुकाबला नहीं है. प्रदेश के शहरों में 24 घंटे बिजली आ रही है, ऐसा कोई सोच भी नहीं सकता था. अब भाजपा के लोग बताएं कि क्या वे हमसे ज्यादा बिजली देंगे. अगर देना चाहेंगे तो उन्हें घंटे बढ़ाने होंगे.
इस मौके पर बसपा पर भी प्रहार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा ‘‘दूसरी ओर पत्थर वाली पार्टी है. उसने उत्तर प्रदेश के लिए कोई काम नहीं किया. जो किया वह आपके सामने है. उसने स्मारकों में हजारों करोड़ रुपये बरबाद किए जिससे जनता को कोई लाभ नहीं हुआ.
अखिलेश ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए उनके घोषणापत्र में सभी शहरी और ग्रामीण गरीबों को घर बनाने में मदद का वादा शामिल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि देश में सबसे बेहतर काम समाजवादियों ने किया है. कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है जिसमें उन्होंने काम न किया हो. आने वाले समय में समाजवादी लोग सरकार बनाएंगे और जितने भी गरीब लोग हैं उन्हें समाजवादी पेंशन से जोड़ा जाएगा.
शादी के लिए अनुदान योजना का जिक्र करते हुए कहा कि पहले भी ऐसी योजना से गरीबों को धन मिलता था. अब उसे सरकार ने दोगुना बढ़ाकर 20 हजार रुपये कर दिया है.