किसानों का रुख और कड़ा, कल चिल्ला बॉर्डर होगा जाम
नयी दिल्ली: तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ अपना रुख कड़ा करते हुए किसान नेताओं ने मंगलवार को कहा कि वे सरकार से इन कानूनों को वापस “कराएंगे” और कहा कि उनकी लड़ाई उस स्तर पर पहुंच गई है, जहां वे इसे जीतने के लिए “प्रतिबद्ध” हैं। उन्होंने कहा कि अपनी मांगों के लिए वे बुधवार को दिल्ली और नोएडा के बीच चिल्ला बॉर्डर को पूरी तरह जाम कर देंगे।
हम जीत के लिए प्रतिबद्ध
सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान नेता जगजीत डल्लेवाल ने कहा, “सरकार कह रही है कि वह इन कानूनों को वापस नहीं लेगी, हम कह रहे हैं कि हम आपसे ऐसा करवाएंगे।” उन्होंने कहा, “लड़ाई उस चरण में पहुंच गई है जहां हम मामले को जीतने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
सरकार ठोस प्रस्ताव दे
उन्होंने कहा, “हम बातचीत से नहीं भाग रहे हैं लेकिन सरकार को हमारी मांगों पर ध्यान देना होगा और ठोस प्रस्ताव के साथ आना होगा।” कई अन्य किसान नेताओं ने भी संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया और लोगों से आह्वान किया कि 20 दिसंबर को उन किसानों को श्रद्धांजलि दें, जिन्होंने प्रदर्शन के दौरान अपनी जान गंवा दी।
रोजाना औसतन एक किसान की मौत
किसान नेता ऋषिपाल ने कहा कि नवंबर के अंतिम हफ्ते में प्रदर्शन शुरू होने के बाद रोजाना औसतन एक किसान की मौत हुई है। एक अन्य किसान नेता ने कहा, “प्रदर्शन के दौरान अपना जीवन गंवाने और शहीद होने वाले किसानों के लिए 20 दिसंबर को सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे तक देश के सभी गांवों और तहसील मुख्यालयों में श्रद्धांजलि दिवस का आयोजन किया जाएगा।”