क्या पद छोड़ना चाहते हैं कमलनाथ? छिंदवाड़ा में बोले- अब आराम करना चाहता हूँ
छिंदवाड़ा: मध्य प्रदेश में पहले सरकार गंवाने और अब हाल ही में उपचुनावों में करारी हार झेलने वाले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बड़ा बयान दिया है. रविवार को छिंदवाड़ा में समर्थकों को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने राजनीति छोड़ने के संकेत दिए. उन्होंने कहा कि अब मैं आराम करना चाहता हूं, मैंने काफी कुछ हासिल किया है.
बयान के निकाले जा रहे हैं मतलब
कांग्रेस में लगातार कमलनाथ के खिलाफ उठ रही आवाजों के बीच उनके इस बयान के कई तरह के मायने निकाले जा रहे हैं. कमलनाथ सिर्फ कोई पद छोड़ने की बात कर रहे हैं या फिर राजनीति से विदाई लेने की बात कर रहे हैं, इसपर कयास लग रहे हैं. कमलनाथ इन दिनों अपने बेटे के साथ छिंदवाड़ा के दौरे पर हैं, जो उनका गढ़ माना जाता है.
नेता विपक्ष और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष हैं कमलनाथ
आपको बता दें कि अभी कमलनाथ मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता होने के साथ-साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. ऐसे में हाल ही में जब उपचुनावों में कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी तो लगातार कई नेताओं, विधायकों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोलना शुरू कर दिया. राज्य में नेता लगातार कह रहे हैं कि अब किसी युवा नेतृत्व की जरूरत है और हार का ठीकरा कमलनाथ पर फोड़ रहे हैं. राज्य में कमलनाथ पर गलत टिकट बंटवारे, कमजोर उम्मीदवारों और गलत रणनीति का आरोप लगा.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने छोड़ा था साथ
आपको बता दें कि इससे पहले जब राज्य में विधानसभा चुनाव हुए थे, तब भी मुख्यमंत्री पद के लिए कमलनाथ और ज्योतारादित्य सिंधिया में भिड़ंत हुई थी. तब कमलनाथ तो सीएम बन गए थे, लेकिन कुछ वक्त बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया था.
गिर गयी थी कमलनाथ सरकार
इसी का खामियाजा कांग्रेस अबतक उठा रही है, पहले सिंधिया समर्थक विधायकों के इस्तीफे से कमलनाथ की सरकार गिर गई और उसके बाद अब उपचुनावों में अधिकतर विधायकों ने बीजेपी के टिकट से जीत हासिल कर ली. केंद्रीय राजनीति में अपना दबदबा बनाने के बाद चुनाव से ठीक पहले कमलनाथ राज्य की राजनीति में एक्टिव हुए थे, उन्हें सीएम पद भी मिल गया था. लेकिन लगातार हार, सिंधिया के पार्टी छोड़ने और उससे पैदा हुए असर से कमलनाथ लगातार बैकफुट पर आते गए हैं.