सरकार को मिल ही गया नए कृषि कानूनों का एक समर्थक गुट
नयी दिल्ली: हरियाणा के किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात कर तीनों नये कृषि कानूनों को लेकर समर्थन जताया है। प्रतिनिधिमंडल ने तीनों कानूनों को निरस्त करने के बजाए उनमें कुछ संशोधन की मांग की है। प्रतिनिधिमंडल ने यह समर्थन ऐसे समय जताया है, जब हजारों की संख्या में किसान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर नये कृषि कानूनों को समाप्त करने की मांग को लेकर लगातार विरोध कर रहे हैं।
बताया प्रगतिशील किसानों का प्रतिनिधिमंडल
हरियाणा के प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य ने इसे प्रगतिशील किसानों का प्रतिनिधिमंडल बताया। उन्होंने कहा कि पद्मश्री से सम्मानित कमल सिंह चव्हान की अगुवाई में समूह के सदस्यों ने तोमर से मुलाकात की और सितंबर में बने तीनों कृषि कानूनों का समर्थन किया। हालांकि प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि सरकार को इन कानूनों के कुछ प्रावधानों को संशोधन करना चाहिए, इसे निरस्त करने की जरूरत नहीं है।
भारतीय किसान यूनियन (अतर) भी शामिल
प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्यों ने कहा कि वे कृषक हैं और किसान उत्पादक संगठनों के प्रतिनिधि हैं। प्रतिनिधिमंडल में भारतीय किसान यूनियन (अतर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अतर सिंह संधु शामिल हैं। बैठक भारत बंद से एक दिन पहले हुई।
नौ दिसंबर को बातचीत प्रस्तावित
कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों ने मंगलवार को भारत बंद का आह्वान किया है। हालांकि, प्रदर्शन कर रहे किसानों के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच बैठक नौ दिसंबर को प्रस्तावित है। सरकार और कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के प्रतिनिधियों के बीच पांच दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई सहमति नहीं बन पायी है।
कानून निरस्त करने की मांग पर अड़े किसान
विरोध कर रहे किसान इन कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग पर अड़े हैं। सरकार का कहना है कि ये तीनों कृषि कानून किसानों के हित में हैं। इनसे किसानों को उपनी उपज देश में कहीं भी बेचने की स्वतंत्रता मिलेगी और बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी।