आरटीआई आवेदन पत्रों का निस्तारण 30 दिन में करना अनिवार्य
आवेदकों को धमकाने वाले अधिकारियों के विरूद्ध दर्ज होगी एफ0आई0आर0
लखनऊ ःउत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग के राज्य सूचना आयुक्त श्री हाफिज उस्मान की अध्यक्षता में आज यहाँ इन्दिरा भवन स्थित उनके कार्यालय कक्ष में विभिन्न विभागों के जनसूचना अधिकारी/अपर जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी/तहसीलदार/चकबन्दी अधिकारी/अधिशासी अधिकारी/नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत/राजस्व तथा विद्युत विभाग के अभियंताओं के साथ उच्च स्तरीय बैठक सम्पन्न हुई।
राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने समस्त जनसूचना अधिकारियों को आर0टी0आई0 के आवेदकों को 30 दिन में सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैंं। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी अधिकारी@विभागीय जनसूचना अधिकारी ने आर0टी0आई0 आवेदकों को सूचना देने से इन्कार एवं परेशान किया अथवा धमकाया तो ऐसे जनसूचना अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जायेगी। मामले की जाँच में डराने-धमकाने अथवा अपमानित करने की बातें सही पायी जायेंगी तो उनके विरूद्ध एफ0आई0आर0 भी दर्ज करायी जायेगी।
राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने आज आर0टी0आई0 के 100 प्रकरणों की सुनवाई की जिसमें 50 वादों का अन्तिम रूप से निस्तारण किया। 10 जनसूचना अधिकारियों के खिलाफ 25-25 हजार रू0 का अर्थदण्ड भी अधिरोपित किया। उन्होंने 09 अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिये। चार ऐसे मामले हैं जिनमें सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 18 (2) के तहत मण्डलायुक्त (कमिश्नर) को जांच के आदेश देते हुए 30 दिन के अन्दर अपनी रिपोर्ट आयोग में प्रस्तुत करने को कहा है।