गौसे पाक की तालीमात को आम करने की ज़रूरत है: अयूब अशरफ
शाहमीना शाह में शानों शौकत से मनाया गया जश्ने गौसुलवराह
लखनऊ: आल इण्डिया मोहम्मदी के तत्वाधान में हर साल की तरह इस साल जश्ने -गौसुलवराह बड़े ही शानों शौकत के साथ मनाया गया| जश्न की शुरूआत कारी गुलाबुद्दीन ने तिलावते र्कुआन-ए-पाक से की, हमद, नात व मनकबत का नज़राना आल इण्डिया मोहम्मदी मिशन यूथ सदर सैयद मोहम्मद अहमद मियाॅ किछौछवी, सैयद गुलाम हुसैन, मसूद मिनाई आदि ने पेश किया निज़ामत के फराएज कारी गुलाबुद्दीन ने अंजाम दिया|
इस मौके पर आल इण्डिया मोहम्मदी मिशन राष्ट्रीय अध्यक्ष हज़रत सैयद अयूब अशरफ किछौछवी ने सभी को जश्ने -गौसुलवराह की मुबारक बाद पेश करते हुए कहा कि आल इण्डिया मोहम्मदी मिशन के तत्वाधान में निकलने वाला परम्परागत जुलूस-ए-गौसिया दरगाह हज़रत मख्दूम शाहमीना से बरामद होकर चौक स्थित मेडिकल कालेज परिसर में दरगाह हाजी हरमैन शाह के आस्ताने तक विगत वषों से जाता रहा है लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी की वजह से स्थगित करना पड़ा| इंशा अल्लाह अगर हालात साज़गार रहे तो अगले बरस ज़रूर निकाला जाएगा। उन्होंने ने कहा कि गौसे पाक की तालीमात को आम करने की ज़रूरत है उनकी जिन्दगी भटको को राह दिखाएगी।
इस मौके पर खुसूसी खिताब करते हुए हज़रत मौलाना सैयद अबूबकर शिब्ली मियाॅ किछौछवी ने कहा कि हज़रत शेख अब्दुल क़ादिर जिलानी ने धर्म के प्रचार प्रसार के लिए खुद को हमेशा मशगूल रखा| र्कुआन, हदीस व अपनी जिन्दगी के सुबह व शाम से लोगों के जेहन व फिक्र को दीने इस्लाम की रह पर मोड़ दिया उनकी जिन्दगी लोगों के लिए मार्गदर्शन है यही वजह है आज भी कादीरी सिलसिला दुनिया इस्लाम में फैल रहा है। हज़रत गौसे आज़म कि पैदाइश माहे रमज़ान की एक तारीख 471 हिजरी में हुई थी पैदाईश से ही रोजे की हालत में रहते थे। गौसे पाक ने चोरी की नियत से आए हुए इन्सान को कुतुब बनाकर दुनिया को यह पैगाम दिया कि अब्दुल कादीर अल्लाह कि तौफ़ीक़ से जिसको बदलना चाहता है व चाहे किसी भी मकसद से आए, उसका जहन ही नही बल्कि दिल बदल जाता है।
इस मौके पर आल इण्डिया मोहम्मद मिशन उपाध्यक्ष शाकिर अली मिनाई उर्फ बाबू भाई ने लंगर का एहतामम किया। इस महफिल में मुफती अबुल इरफान मियाॅ फिरंगी महली, मिशन महासचिव सैयद अहमद नदीम, मौलाना ज़ाकिर मिनाई, मौलाना अफफान फिरंगी महली, मुन्ने मियाॅ, पीरज़ादा सैयद आले मुस्तफा, पीर मोहम्मद, मक्सूद अशरफ सिद्दीकी, अशफ़ाक़ बरकाती, आदि लोग मौजूद थे।