नई दिल्ली: देश में शनिवार कोविड-19 पाबंदियों और विभिन्न राज्यों में पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध के बीच शनिवार को पूरे हर्षोल्लास के साथ दिवाली मनाई गई.इस दौरान लोगों ने पूजा-अर्चना की और मिठाइयों का आदान-प्रदान किया. कोविड-19 के चलते अधिकतर लोगों ने संदेशों के जरिये ही एक दूसरे को दीपावली की बधाई दी. इसके अलावा लोग सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए मंदिर भी गए.

यूपी में कम रहा पटाखों का शोर
उत्तर प्रदेश में दीपावली कोविड-19 के कड़े प्रोटोकॉल के बीच हर्ष और उल्लास के साथ मनाई गई. दीपावली पर लोगों ने शाम को शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा की और दीए जलाए तथा अन्य तरीकों से रोशनी की. अनेक इमारतें झालरों की रोशनी से जगमगाती नजर आई.

बाज़ारों में रही कम भीड़
हालांकि प्रदूषण के कारण राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों में पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध की वजह से पटाखे फोड़ने का सिलसिला कम रहा. पिछले वर्षों के विपरीत इस बार बाजारों में वह रौनक नहीं दिखी और कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लोगों ने बाजारों जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से परहेज किया.

महाराष्ट्र में ‘ दिवाली पहट’ बना अहम् हिस्सा
महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों में सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘ दिवाली पहट’ इस त्योहार का अभिन्न हिस्सा बन गया है. इस वर्ष कोरोना वायरस की महामारी की वजह से ऐसे आयोजन नहीं हो रहे हैं.वहीं, कुछ आयोजकों ने ऑनलाइन संगीत कार्यक्रमों और साक्षात्कार का आयोजन किया है.

‘हल्के आवाज वाले पटाखों को जलाने की अनुमति
महाराष्ट्र सरकार ने पटाखे फोड़ने पर पाबंदी तो नहीं लगाई है, फिर भी शिवसेना नीत बृह्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने कोरोना वायरस महामारी को नियंत्रित करने के उद्देश्य से पटाखों के इस्तेमाल पर रोक लगा रखी है. हालांकि, नगर निकाय ने लक्ष्मी पूजन के दौरान ‘हल्के आवाज वाले पटाखों को जलाने की अनुमति दी है.

स्वर्ण मंदिर दियों की रौशनी से नहाया
अमृतसर में स्वर्ण मंदिर विशेष लाइट और पारंपरिक दियों से जगमग दिखा. मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दिखी, जिन्होंने सरोवर में पवित्र स्नान किया और गर्भगृह में पूजा-अर्चना की. इस बीच पंजाब में, 1620 में सिखों के छठे गुरु, गुरु हरगोबिंद को 52 राजाओं के साथ मुगलों की कैद से आजादी मिलने की याद में ‘बंदी छोड़ दिवस’ मनाया गया.

पश्चिम बंगाल काली पूजा काआयोजन
वहीं पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में काली पूजा का आयोजन किया गया. राज्य में काली माता के दर्शन के लिये सुबह से ही मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा.

कर्णाटक में सादगी से मनाई गयी होली
कर्नाटक में पटाखे फोड़ने पर पाबंदी सहित कई कारणों से इस बार सादगी से दिवाली मनाई गई. पहले तो सरकार ने इस बार पटाखों के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी थी लेकिन बाद में हरित पटाखे फोड़ने की इजाजत दे दी. हालांकि इस दौरान लोगों ने पटाखे फोड़ने और भीड़भाड़ में जाने से बचते हुए घरों में रहकर दिवाली का त्योहार मनाया. अन्य राज्यों में भी दिवाली पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ मनाई गई.