तेजस्वी और सीएम कुर्सी के बीच रुकावट बन गए ओवैसी
नई दिल्ली: बिहार में महागठबंधन की अगुवाई करने वाली पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने के बावजूद सत्ता से दूर रह गई है। इसकी एक बड़ी वजह यह भी दिख रही है कि मुस्लिम बाहुल्य इलाक़े सीमांचल में जहां 24 सीटे हैं असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने पांच सीटों पर जीत हासिल की है, जिसकी वजह से खेल बिगड़ गया है। हालांकि चुनाव परिणाम से पहले कई विश्लेषकों का मानना था कि सीमांचल के मुसलमान मतदाता ओवैसी की पार्टी के बजाए धर्मनिरपेक्ष छवि रखने वाली महागठबंधन की पार्टियों को तरजीह देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
सीमांचल में MIM को पांच सीटें
गौरतलब है कि सीमांचल में ओवैसी की पार्टी को पांच सीटों- जोकीहाट, आमौर, बाइसी, बहादुरगंज और कोचाधमन पर जीत मिली है। अगर एनडीए की बात करें तो किशनगंज में एक भी सीट नहीं मिली है जबकि पूर्णिया, अररिया और कटिहार में क्रमश: चार-चार सीटों पर जीत हासिल की है। महागठबंधन को किशनगंज में 2, पूर्णिया में एक, अररिया में एक और कटिहार में तीन सीटों से ही संतोष करना पड़ा है।
तेजस्वी को 11 सीटों का नुकसान
दरअसल, माना जा रहा है कि इस चुनाव में सबसे बड़ा उलटफेर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम की पांच सीटों पर हुई जीत के लिहाज से हुआ है। यह जीत तेजस्वी यादव और संपूर्ण महागठबंधन के लिए करारा झटका साबित हुई है। साफ शब्दों में कहें तो ओवैसी ने पांच सीटें जीतकर तेजस्वी यादव को 11 सीटों पर नुकसान पहुंचाया है, यदि ओवैसी बिहार चुनाव में मैदान में नहीं उतरते, तो शायद तेजस्वी अपना सपना पूरा होते देखने की स्थिति में पहुंच सकते थे। ओवैसी की पार्टी ने तेजस्वी की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए मुस्लिम वोट और कुछ हद तक दलित वोट भी अपनी तरफ खींच लिए, जिसकी वजह से महागठबंधन की सीटों का आंकड़ा कम रह गया।
आधी से ज्यादा सीटों पर मुस्लिम आबादी अधिक
बता दें कि बिहार के सीमांचल इलाके में 24 सीटे हैं, जिनमें से आधी से ज्यादा सीटों पर मुस्लिम आबादी अधिक है। यहीं से असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने पांच सीटों पर जीत हासिल की है। चुनाव नतीजे आने से पहले राजनीतिक विश्लेषकों का मानना था कि सीमांचल के मुसलमान मतदाता ओवैसी की पार्टी के बजाए धर्मनिरपेक्ष छवि रखने वाली महागठबंधन की पार्टियों को तरजीह देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब ये साफ हो गया है कि सीमांचल के मतदाताओं ने बदलाव के लिए वोट किया है।
महागठबंधन ने MIM को बताया वोट कटवा
चुनाव प्रचार के दौरान ओवैसी ने आरेजडी-कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन पर जमकर निशाना साधा था और सीमांचल की अनदेखी का आरोप लगाया था। वहीं महागठबंधन ने ओवैसी को बीजेपी की बी टीम और वोटकटवा का आरोप लगाया था। हालांकि, कांग्रेस ने चुनाव परिणाम के बाद माना कि सीमांचल में ओवैसी ने महागठबंधन को नुकसान पहुंचाया।